Ratan Tata Biography In Hindi, Net worth,wife-रतन टाटा जीवनी
Ratan Tata
Ratan Tata Biography In Hindi, Net worth,wife-रतन टाटा जीवनी

रतन टाटा "टाटा समूह "( भारत की सबसे बड़ी व्यपारिक समूह है )के अध्यछ रह चुके है।
वह "टाटा ग्रुप" के चेयरमैन साल 1990 से लेकर 2012 तक रहे थे ,फिर दोबारा उन्हें अक्टूबर 2016 से लेकर फरवरी 2017 तक अंतरिम (टेम्पररी )अध्यछ के रूप में नियुक्त किया गया था।
उन्हें भारत के दो सबसे बड़े पुरस्कार "पद्म विभूषण "(2008 ) और "पद्म भूषण "(2000 )से नवाज़ा जा चुका है.
रतन टाटा अपने बिज़नेस आइडियाज और PHILANTROPY (मानव प्रेम ) के लिए काफी जाने जाते है।
रतन टाटा ने अपनी शिक्षा "कॉर्नेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ आर्कीटेकचर "और "हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल "से की है।
अपनी शिक्षा 1975 में पूरी की थी।
रतन टाटा पेशे से एक व्यापारी है। उन्होंने अपनी कंपनी को 1961 में ज्वाइन किया था ,वह टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर वर्क करते थे। उन्होंने जे.आर.डी.टाटा के रिटायर्ड होने के बाद 1991 में अध्यछ पद को संभाला था। 21 साल की अध्यछता में रेवेन्यु (राजस्व )को 40 गुना और टाटा कंपनी को लाभ 50 गुना तक पहुंचाया था।
उनके द्वारा उठए गए कदम(DECISION) काफी लाभप्रद साबित हुए, उन्होंने "टाटा टि" के द्वारा इंग्लिश "टि"(चाय )कंपनी "टेटली " को साल 2000 में ,"टाटा मोटर्स" के द्वारा इंग्लिश कंपनी "जैगुआर लैंड रोवर",और "टाटा स्टील" के द्वारा इंग्लिश स्टील कंपनी "कोरस" को सफलता पूर्वक अधिग्रहण किया था। टाटा कंपनी के बिज़नेस को भारत से लेकर पुरे दुनिया में फैलाया।
साल 1971 में रतन टाटा को राष्ट्रिए रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड "नेलको " का डायरेक्टर नियुक्त किया गया ,जिसकी बाजार में हिस्सेदारी केवल 2% थी और करीब 40% घाटे में चल रही थी.
रतन टाटा ने सुझाव दिया की कंपनी की उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के बजाये उच्च-प्रद्योगिकी उत्पादों में निवेश करना चाहिए ,पहले जे.आर.डी टाटा इस बात को नहीं माने क्यों की इससे पहले कंपनी ने नियमित लाभ कभी नहीं दिया था ,बाद में जे.आर.डी टाटा ने रतन टाटा की बात मान ली।
नतीजा यह हुआ की साल 1972 से 1975 तक "नेलको" ने बाजार में अपनी हिस्सेदारी 20% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया।लेकिन बाद में 1975 में इंदिरा गाँधी के द्वारा इमरजेंसी(आपातकालीन)घोषित किये जाने के बाद आर्थिक मंडी आ गयी।
इसके बाद साल 1977 में यूनियन की समस्याएं हो जाने के कारण मांग बढ़ जाने के बाद भी उद्पादन में सुधार नहीं हो पाया। तब टाटा को यूनियन हड़ताल का सामना करना पड़ा और 7 महीने के लिए तालाबंदी करनी पड़ी।
रतन टाटा ने हमेशा से "नेलको " कम्पनी पर विश्वास रखा ,लेकिन कंपनी और आगे नहीं बढ़ सकी.
साल 1977 में रतन टाटा को Empress Mills सौंपा गया,यह टाटा के द्वारा चलायी जाने वाली मिल थी। जब उन्होंने कंपनी को संभाला तोह कंपनी काफी ख़राब पोजीशन में थी।
यह तक की रतन टाटा ने profit (लाभ )की घोषणा कर दी ,लेकिन इस कंपनी ने अपने सेक्टर में ज़्यादा कम्पटीशन होने के कारण कभी लाभ नहीं कमा पायी। रतन टाटा के कहने पर कुछ खर्च किया गया लेकिन यह कुछ काम न आया।
असल में मोटे और मध्यम सूती कपड़े के लिए बाजार में मांग नहीं थी।"एम्प्रेस "कंपनी को काफी नुकसान होने लगा,बॉम्बे हाउस ,टाटा मुख्यालय और कई अन्य कंपनी ने अपने निवेश हटाना शुरू कर दिए लिहाज़ा कंपनी बंद होने के कगार पर आ गयी.
टाटा के कुछ बड़े निर्देशकों जैसे नानी पालखीवाला (nani palkhiwala)ने ये फैसला लिया की टाटा को मिल को समाप्त कर देनी चाहिए ,अंत में कंपनी को 1986 में बंद करना पड़ा। रतन टाटा इस फैसले से काफी निराश थे ,उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साछात्कार में यह दवा किया की "एम्प्रेस" मिल को जारी रखने के लिए केवल 40 लाख की ज़रूरत थी। 1981 में रतन टाटा इंडस्ट्रीज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनी के अध्यछ बनाये गए,जहा वे समूह के प्रौघोगिकी व्यापारों के नए उधमों के प्रवर्तक थे।

साल 1991 में रतन टाटा को जे.आर.डी.टाटा की जगह ग्रुप चेयरमैन का कार्य भर दिया गया। टाटा ने पुराने गार्डो को बाहर निकाल दिया और युवाओ को मौका दिया। तब से रतन टाटा ने टाटा कंपनी के अकार को बदल कर रख दिया।आज टाटा कंपनी शेयर बाज़ार में अच्छा खासा बाज़ार पूंजी रखती है।
- रतन के मार्गदर्शन में ,“टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस” सार्वजनिक निगम बनी और “टाटा मोटर्स ” न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचिबद्ध हुई।
- 1998 में “टाटा मोटर्स “ ने अपनी पहली कार “टाटा इंडिका “को बाजार में उतारा।
- 31 जनवरी 2007 को रतन की अध्यछता में ,टाटा संस ने कोरस समूह (corus group )को सफलता पूर्वक अधिग्रहित किया ,corus group जो एक एंग्लो -डच एल्युमीनियम और इस्पात निर्माता है।
- इस अधिग्रहण के साथ रतन भारतीय व्यापार जगत में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गए। इस तरह दुनिया को 5(पांचवा )सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक संस्थान मिला।
रतन टाटा का हमेशा से एक सपना था की 100000 रूपए की लागत वाली कार बनाई जाये ,नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी 2007 को इस कार का उद्घाटन कर के रतन टाटा ने अपने सपने को पूरा किया।
टाटा नैनो के 3 (तीन )मॉडल की घोषणा की गयी और रतन टाटा ने 1(एक ) लाख कीमत वाली कार बाजार को देने का अपने वादा पूरा किया
साथ इस उन्होंने वादा को पूरा करते हुए कहा की "वादा एक वादा है ".
26 मार्च 2007 को रतन टाटा अध्यछता में टाटा मोटर्स ने फोर्ड मोटर्स कंपनी से ब्रिटिश मूल की कंपनी जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया। जैगुआर और लैंड रोवर को को करीब 9300 करोड़ में खरीदी गयी।

Ratan Tata Biography:रतन टाटा निजी जीवन :
- रतन स्वाभाव से एक शर्मीले व्यक्ति है ,समाज की झूटी चमक धमक में विश्वास नहीं करते है ,कई सालो से मुंबई के कोबाला जिले में एक किताबो और कुत्तो से भरे हुए बैचलर फ्लैट में रह रहे है।
- साल 2012 में रतन टाटा ने पहली बार अपना उत्तराधिकारी चुना
- सायरस मिस्त्री उनका स्थान लेने के लिए तैयार हो गए लेकिन पूरी तरह रतन की जगह लेने के लिए रतन खुद उनके साथ एक साल तक रहें।
- लेकिन कुछ कारण के चलते सायरस मिस्त्री को हटाना पड़ा था।
- वर्ष 2017 में नटराजन चंद्रसेकरन को ये ज़िम्मेदारी सौपी गयी।
- जानकारी के लिए बता दू सायरस मिस्त्री 2006 से ही टाटा समूह से जुड़े हुए है ,
- मिस्त्री साल 2006 से ही टाटा संस के निदेशक समूह से जुड़े है।
टाटा संस vs सायरस मिस्त्री :Tata sons Vs Sayrus Mistry
- 24 अक्टूबर 2016 में दा बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर टाटा ग्रुप ने वोट किया अपने चेयरमेन सायरस मिस्त्री को हटाने के लिए और रतन को अंतरिम चेयरमेन बनवाया।
- साल 2017 फरवरी में सायरस मिस्त्री को टाटा संस के डायरेक्टर के पद से हटाया गया ,लेकिन साल 2017 दिसंबर में “नेशनल कंपनी लॉ एपेटाइट ट्रिब्यूनल” (NCLAT) ने यह बताया की सायरस मिस्त्री का टाटा संस के चेयरमेन के रूप में हटाया जाना अवैध था।
- भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपील सुन ली और घोषणा की सायरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का चेयरमेन बनाया जाये।
- रतन टाटा ने इस के खिलाफ कोर्ट में केस लड़े ,लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने “नेशनल कंपनी लॉ अप्पलेट ट्रिब्यूनल “(NCLAT) के डिसिशन को माना।
- फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने (NCLAT) के डिसिशन को नहीं माना ,यानि अब सायरस मिस्त्री टाटा संस के डायरेक्टर नहीं नियुक्त किये जाएगें

Ratan Tata Awards :रतन टाटा के अवार्ड्स
रतन टाटा को साल 2000 में गणतंत्र दिवस समारोह पर तीसरे सबसे बड़े नागरिक अलंकरण पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
साल 2007 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मान्नित किया गया।
साल नाम अवार्ड आर्गेनाईजेशन
साल | अवार्ड नाम | आर्गेनाईजेशन |
---|---|---|
2001 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन | ओहिओ स्टेट यूनिवर्सिटी |
2004 | मेडल ऑफ़ दा ओरिएंटल गवर्न्मेंट ऑफ़ उरुग्वे | रिपब्लिक ऑफ़ उरुग्वे |
2004 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी | एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2005 | इंटरनेशनल डिस्टिंगुइश अचीवमेंट अवार्ड | बनई ब्रिथ इंटरनेशनल |
2006 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ साइंस | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
2006 | रेस्पोंसिबल कैपिटलिज़्म अवार्ड | फॉर इंस्पिरेशन एंड रेकग्नीशन ऑफ़साइंस एंड टेक्नोलॉजी |
2007 | आनरेरी फेलोशिप | द लंदनस्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस |
2007 | कर्नेगीअ मैडल ऑफ़ फिलंटरोपी | कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस |
2008 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ लॉ | यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज |
2008 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ साइंस | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे |
2008 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ साइंस | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी खड़कपुर |
2008 | आनरेरी सिटीजन अवार्ड | गवर्नमेंट ऑफ़ सिंगापुर |
2008 | आनरेरी फ़ेलोशिप | द इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी |
2008 | इंस्पायर्ड लीडरशिप अवार्ड | द परफॉरमेंस थिएटर |
2009 | आनरेरी नाइट कमांडर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर | यूनाइटेड किंगडम |
2009 | लाइफ टाइम कंट्रीब्यूशन अवार्ड फॉर 2008 | इंडियन नेशनल अकैडमी ऑफ़ इंजीनियरिंग |
2009 | ग्रैंड ऑफिसर ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ मेरिट इटालियन रिपब्लिक | गवर्नमेंट ऑफ़ इटली |
2010 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ लॉ | यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज |
2010 | हेड्रियन अवार्ड | वर्ल्ड मॉन्यूमेंट्स फंड |
2010 | ओस्लो बिज़नेस फॉर पीस अवार्ड | बिज़नेस फॉर पीस फाउंडेशन |
2010 | लीजेंड इन लीडरशिप अवार्ड | येल यूनिवर्सिटी |
2010 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ | पेप्पर्डिन यूनिवर्सिटी |
2010 | बिज़नेस फॉर पीस अवार्ड | बिज़नेस फॉर पीस फाउंडेशन |
2010 | बिज़नेस लीडर ऑफ़ द ईयर | द एशियन अवार्ड्स |
2012 | आनरेरी फेलो | द रॉयल एकडेमी ऑफ़ इंजीनियरिंग |
2012 | डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस होनोरिस कौसा | यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यू साउथ वेल्स |
2012 | ग्रैंड कॉर्डों ऑफ़ द आर्डर ऑफ़ द राइजिंग सन | गवर्नमेंट ऑफ़ जापान |
2013 | फॉरेन एसोसिएट | नेशनल एकडेमी ऑफ़ इंजीनियरिंग |
2013 | ट्रांस्फ़ॉर्मेशनल लीडर ऑफ़ द डिकेड | इंडियन अफेयर्स इंडिया लीडरशिप कॉन्क्लेव 2013 |
2013 | एर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर -लाइफटाइम अचीवमेंट | एर्न्स्ट एंड यंग |
2013 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस प्रैक्टिस | कार्नेगी मेलों यूनिवर्सिटी |
2014 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ बिज़नेस | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
2014 | सयाजी रत्न अवार्ड | बरोदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
2014 | आनरेरी नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द आर्डर ब्रिटिश एम्पायर (GBE) | यूनाइटेड किंगडम गवर्नमेंट |
2014 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ | यॉर्क यूनिवर्सिटी कनाडा |
2015 | आनरेरी डॉक्टर ऑफ़ ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग | क्लेमसन यूनिवर्सिटी |
2015 | सयाजी रत्न अवार्ड | बरोदा मैनेजमेंट एसोसिएशन होनोरिस,कौसा,HEC पेरिस |
2016 | कमांडर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर | गवर्नमेंट ऑफ़ फ्रांस |
2018 | आनरेरी डॉक्टरेट | स्वांसी यूनिवर्सिटी |

Ratan Tata family:रतन टाटा का परिवार
- जमशेदजी नसरवानजी टाटा(3 मार्च 1839-19 मई 1904 ),भारतीय उद्योग के जनक में से एक है.
- सर दोराबजी टाटा(27 अगस्त 1859 -3 जून 1932 ) ,भारतीय उद्योगपति और लोकोपकारक,जमशेदजी टाटा के सबसे बड़े बेटे,टाटा ग्रुप के दूसरे अध्यछ ,
- दोराबजी टाटा की वाइफ मेहरबाई टाटा रिश्ते में नुक्लेअर साइंटिस्ट “होमी जे भाभा “ बुआ लगती थी।
- रतनजी टाटा (20 जनवरी 1871 -5 सितम्बर 1918 )जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे ,परोपकारी और गरीबी के अध्ययन के अग्रणी,रतनजी टाटा की मित्यु के बाद उनकी वाइफ (बीवी )नवाजबाई टाटा ने नवल नाम के अनाथ बच्चे को गोद लिया और उनको अपने बेटे की तरह पाला।
- नवल टाटा (30 अगस्त 1904 -5 मई 1989 ) अडॉप्टेड(गोद लिए हुए ) बेटे “नवजबाई टाटा” की , वोह टाटा की काफी कंपनियों के मालिक रहे,पदम् भूषण अवार्ड से भी नवाज़े गए।
- उन्होंने दो बार शादी की और उनके 3 बच्चे हुए।
- सिमोन नवल टाटा -दूसरी वाइफ थी नवल टाटा की ,वह स्विज़रलैंड की थी। उन्होंने मशहूर ब्रांड लैक्मे (lakme ) को भारत में बनाया और वह अध्यछ बनी “ट्रेंट” की।
- रतन टाटा -टाटा ग्रुप के पाँचवे अध्यछ बने , नवल टाटा की पहली वाइफ “सूनी कमिसारियत “के पुत्र है।
- जिम्मी टाटा -नवल टाटा की पहली वाइफ सूनी कमिसारियत के पुत्र है।
- नोएल टाटा -“ट्रेंट “के अध्यछ ,नवल टाटा के पुत्र उनकी दूसरी पत्नी सिमोन से।
- रतन जी दादा भाई टाटा(1856-1926 ) ,टाटा समूह के संस्थापकों में से एक,उनके पिता दादा भाई और जीवनभाई (जमशेदजी टाटा की माँ )आपस में सिबलिंग (एक ही माँ के बच्चे ) थे। रतनजी ने “सुज़ैन “से शादी की और पांच बच्चे हुए।
- जे.आर.डी.टाटा (29 जुलाई 1904 -29 नवंबर 1993 )भारतीय अग्रणी विमान-चालक और टाटा एयरलाइन्स के संस्थापक,वह रतनजी टाटा के पुत्र और टाटा ग्रुप के चौथे अध्यछ बने।
- सिल्ला टाटा -रतनजी दादा भाई की पुत्री थी और जे आर डी टाटा की बड़ी बहन है
- सिमोन नवल टाटा, ट्रेंट की अध्यक्षा
- नोएल टाटा, ट्रेंट के प्रबंध निदेशक, नवल और सिमोन के बेटे है.

Ratan Tata son name/रतन टाटा wife/Ratan Tata Wife
जानकारी के लिए बता दू की “रतन टाटा “ने अभी तक शादी नहीं किया है।
साल 2011 में रतन टाटा ने बताया ,”मै शादी के लिए 4 -5 बार काफी करीब आया और हर बार मैंने अपने कदम को पीछे हटाया कभी एक कारण से कभी दूसरे कारण से”।
टाटा कंपनी का मालिक कौन है
- कंपनी के संस्थापक जमशेदजी टाटा है।
- वर्तमान में इसके अध्यछ नटराजन चन्द्रसेकरण है।
- टाटा एक ग्रुप है जिसके अंदर काफी कंपनिया आती है।
- रतन टाटा पिछले 50 सालो से टाटा समूह से जुड़े रहे और 21 सालो तक टाटा समूह के अध्यछ रहे।
- भारत के जीडीपी में भी टाटा समूह काफी रोल रहता है।
- टाटा कंपनी में कोई एक मालिक नहीं होता बल्कि उसके शेयर में हिस्सेदारी होती है।
- अपने 66% शेयर टाटा संस दान कर देती है ,जो देश की पढ़ाई ,सेहत ,जीने के तरीको को बदलने के लिए ज़्यादातर इस्तेमाल होती है।
- टाटा संस को टाटा ट्रस्ट की ओर से चलाया जाता है.
- यह बात तय है की ट्रस्ट पर एक आदमी का अधिकार नहीं होता है.
रतन टाटा के पास कितना पैसा है /रतन टाटा की कुल संपत्ति कितनी है / रतन टाटा के पास कितने रुपए हैं/Ratan Tata Net Worth
रतन टाटा की कुल संपत्ति 116 अरब डॉलर (8200 अरब रूपए )है।
रतन हमेशा से बहुत ही दानवीर और मानवता के बारे में काफी सोचते है.रतन ने देश के शिक्षा से लेकर ,सेहत तक काफी सुधार किया है। वह दान करने में काफी आगे रहते है,हमें हमेशा उनसे यही प्रेरणा मिलती रहेगी की अपने पैसो को हमें लोगो की मदद करने में भी यकीन करना चाहियें।
रतन टाटा एक इंडस्ट्रियलिस्ट होने के साथ साथं एक काफी अच्छे इंसान भी है। इनकी बड़े दिल होने के कारण इनकी लाइफ स्टोरी हमें काफी प्रेरणा देती है। उम्मीद करते है की रतन टाटा ऐसे ही आगे भी अपने कारनामो से देश और विदेश में अपने फैन फॉलोविंग बढ़ते रहेंगे और भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिया प्रेरणा स्त्रोत बनेगे।
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